Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

ग़ज़ल सगीर

उम्र के मोड़ पे इस पीर का रोना आया।
अब बुढ़ापे में इस तकदीर पे रोना आया।
❤️
काम था जिसको मिला मुल्क की हिफाज़त का।
उसकी टूटी हुई शमशीर पे रोना आया।
❤️
सारे रिश्तों को भुला रखा था जिसकी खा़तिर।
अब बुढ़ापे में उस जागीर पे रोना आया।
❤️
मुंतज़िर हो के गुजा़रा है मैंने लम्हों को।
लौट कर आया तो ताखी़र पे रोना आया।
❤️
जो मुझे छोड़ गया है यहां पागल कह कर।
ऐ “सगी़र” उसकी इस तक़सीर पे रोना आया।
❤️❤️❤️❤️❤️
शब्दार्थ_
हिफाजत= सुरक्षा
शमशीर= तलवार
मुंतजिर= इंतजार,
ताखी़र= देरी
तक़सीर = भूल चूक

Language: Hindi
135 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
- Your family doesn't know how much difficulties and pressur
- Your family doesn't know how much difficulties and pressur
पूर्वार्थ
प्यार करने के लिए हो एक छोटी जिंदगी।
प्यार करने के लिए हो एक छोटी जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
न हम नजर से दूर है, न ही दिल से
न हम नजर से दूर है, न ही दिल से
Befikr Lafz
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
Ajit Kumar "Karn"
बारिशों  के  मौसम  में
बारिशों के मौसम में
shabina. Naaz
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
Neeraj Agarwal
चुनाव और विकास
चुनाव और विकास
SURYA PRAKASH SHARMA
मासी की बेटियां
मासी की बेटियां
Adha Deshwal
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
Sonam Puneet Dubey
अनगिनत सवाल थे
अनगिनत सवाल थे
Chitra Bisht
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
Ranjeet kumar patre
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
शेख रहमत अली "बस्तवी"
सांसें
सांसें
निकेश कुमार ठाकुर
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
धोखा देती है बहुत,
धोखा देती है बहुत,
sushil sarna
गणेशा
गणेशा
Mamta Rani
नव अंकुर स्फुटित हुआ है
नव अंकुर स्फुटित हुआ है
Shweta Soni
.
.
*प्रणय*
बांते
बांते
Punam Pande
*अग्निवीर*
*अग्निवीर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3246.*पूर्णिका*
3246.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आखिर कब तक
आखिर कब तक
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
श्री चरण नमन
श्री चरण नमन
Dr.Pratibha Prakash
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
लक्ष्मी सिंह
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
प्रेमदास वसु सुरेखा
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
Rj Anand Prajapati
"हल्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं शामिल तुझमें ना सही
मैं शामिल तुझमें ना सही
Madhuyanka Raj
Loading...