Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

ग़ज़ल पढ़ते हो

ग़ज़ल पढ़ते हो क्या बात है,
लगता प्रियसी आसपास है।

तुम भी गज़ब खुमारी में पड़े हो,
लगता है ली तुमने भी खुराक है।

अगर जज़्बात असली है,
तो फिर ठीक है वरना फिर तो,
बड़े बुरे हालात है।

दिल की इस्मत बची रहे,
ये दुआ है हमारी।
नहीं तो मैख़ाना सड़क के पास है।

2 Likes · 101 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from manjula chauhan
View all
You may also like:
"" *वाङमयं तप उच्यते* '"
सुनीलानंद महंत
*श्री सुंदरलाल जी ( लघु महाकाव्य)*
*श्री सुंदरलाल जी ( लघु महाकाव्य)*
Ravi Prakash
जल बचाओ, ना बहाओ।
जल बचाओ, ना बहाओ।
Buddha Prakash
फूल या कांटे
फूल या कांटे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
शुभ प्रभात संदेश
शुभ प्रभात संदेश
Kumud Srivastava
कितना तन्हा, खुद को वो पाए ।
कितना तन्हा, खुद को वो पाए ।
Dr fauzia Naseem shad
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अवसाद
अवसाद
Dr. Rajeev Jain
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
माॅ
माॅ
Santosh Shrivastava
शीर्षक:
शीर्षक:"बहन मैं उसे
Harminder Kaur
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
" कैसे "
Dr. Kishan tandon kranti
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ओ त्याग मुर्ति माँ होती है
ओ त्याग मुर्ति माँ होती है
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
तुम वह दिल नहीं हो, जिससे हम प्यार करें
तुम वह दिल नहीं हो, जिससे हम प्यार करें
gurudeenverma198
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Anamika Tiwari 'annpurna '
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
Phool gufran
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जय हिन्दू जय हिंदुस्तान,
जय हिन्दू जय हिंदुस्तान,
कृष्णकांत गुर्जर
I want to tell them, they exist!!
I want to tell them, they exist!!
Rachana
रमेशराज का हाइकु-शतक
रमेशराज का हाइकु-शतक
कवि रमेशराज
खिलते हरसिंगार
खिलते हरसिंगार
surenderpal vaidya
ये बेकरारी, बेखुदी
ये बेकरारी, बेखुदी
हिमांशु Kulshrestha
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आफ़ताब
आफ़ताब
Atul "Krishn"
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
गज़ल बन कर किसी के दिल में उतर जाता हूं,
गज़ल बन कर किसी के दिल में उतर जाता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...