Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

ग़ज़ल/नज़्म – मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया

मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया,
और बार-बार ताश के पत्ते सा ढ़ह गया।

इज़हार-ए-प्यार ना कर पाया उससे कभी,
यूँ ही ज़माने की दुश्वारियों को सह गया।

उसके लबों से ही इक़रार का इंतज़ार रहा,
वो इशारा ही ना देखा जो बहुत कुछ कह गया।

मेरे हिस्से बिखरते गए रिश्तों में इस कदर,
कभी उनको जोड़ते, कभी गिनते रह गया।

हर शख़्स सामने आया एक तूफाँ बनकर,
हमारे प्यार में जैसे उसका सब कुछ बह गया।

आज़ जो साथ बैठे हम थोड़ा हौसला लेकर,
तो एक-एक लम्हा ही पूरी ज़िन्दगी कह गया।

(दुश्वारी = मुश्किल, कठिनता, दुरुहता, आपत्ति, मुसीबत)

©✍🏻 स्वरचित
अनिल कुमार ‘अनिल’
9783597507,
9950538424,
anilk1604@gmail.com

1 Like · 226 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार
View all
You may also like:
"पापा की परी”
Yogendra Chaturwedi
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
अगर जल रही है उस तरफ
अगर जल रही है उस तरफ
gurudeenverma198
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
हैं फुर्सत के पल दो पल, तुझे देखने के लिए,
हैं फुर्सत के पल दो पल, तुझे देखने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यार ब - नाम - अय्यार
यार ब - नाम - अय्यार
Ramswaroop Dinkar
..
..
*प्रणय*
"हुस्न की कील"
Dr. Kishan tandon kranti
सृष्टि के कर्ता
सृष्टि के कर्ता
AJAY AMITABH SUMAN
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
3629.💐 *पूर्णिका* 💐
3629.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
SPK Sachin Lodhi
बरसात
बरसात
Dr.Pratibha Prakash
कर्त्तव्य
कर्त्तव्य
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ये कैसे रिश्ते है
ये कैसे रिश्ते है
shabina. Naaz
तलाशता हूँ उस
तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ
Atul "Krishn"
खटाखट नोट छापो तुम
खटाखट नोट छापो तुम
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
Chandra Kanta Shaw
गलतियां वहीं तक करना
गलतियां वहीं तक करना
Sonam Puneet Dubey
विश्व पुस्तक दिवस पर
विश्व पुस्तक दिवस पर
Mohan Pandey
Gulab
Gulab
Aisha mohan
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
"ऊपर वाले को बेवकूफ समझते हैं लोग ll
पूर्वार्थ
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
दोपाया
दोपाया
Sanjay ' शून्य'
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
Ranjeet kumar patre
ये बेटा तेरा मर जाएगा
ये बेटा तेरा मर जाएगा
Basant Bhagawan Roy
Loading...