Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2017 · 1 min read

ग़ज़ल – दोहरा के देखा था

इक किस्सा यूँ दोहरा के देखा था
तुमको फिर आजमा के देखा था

फिर न हँसने में वो मज़ा ही रहा
मैंने हर ग़म भुला के देखा था

दिल से उठने लगा जाने क्यूँ धुँआ
इक तेरा ख़त जला के देखा था

ज़िंदा रहने को ज़मीं बेहतर लगी
चाँद के पास जा के देखा था

हो के तन्हा भी मैं खोई तो नहीँ
वक़्त ने हाथ छुड़ा के देखा था..

इश्क़ देता है किस तरह दग़ा
ये तेरे पास आ के देखा था…

सुरेखा कादियान ‘सृजना’

1 Like · 335 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
Suryakant Dwivedi
मूक संवेदना...
मूक संवेदना...
Neelam Sharma
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
Neeraj kumar Soni
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
कौन यहाँ पर किसकी ख़ातिर,, बैठा है,,
कौन यहाँ पर किसकी ख़ातिर,, बैठा है,,
Shweta Soni
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
Harinarayan Tanha
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
मन का सावन आँख से,
मन का सावन आँख से,
sushil sarna
we were that excited growing up. we were once excited.
we were that excited growing up. we were once excited.
पूर्वार्थ
“त्याग वही है, जो कर के भी दिखाया न जाए, यदि हम किसी के लिए
“त्याग वही है, जो कर के भी दिखाया न जाए, यदि हम किसी के लिए
Ranjeet kumar patre
*सूझबूझ के धनी : हमारे बाबा जी लाला भिकारी लाल सर्राफ* (संस्मरण)
*सूझबूझ के धनी : हमारे बाबा जी लाला भिकारी लाल सर्राफ* (संस्मरण)
Ravi Prakash
One-sided love
One-sided love
Bidyadhar Mantry
मौन
मौन
लक्ष्मी सिंह
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
VINOD CHAUHAN
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
Dr fauzia Naseem shad
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बैठी थी मैं सजन सँग कुछ कह के मुस्कुराए ,
बैठी थी मैं सजन सँग कुछ कह के मुस्कुराए ,
Neelofar Khan
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
शेखर सिंह
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हासिल-ए-ज़िंदगी फ़क़त,
हासिल-ए-ज़िंदगी फ़क़त,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुनों....
सुनों....
Aarti sirsat
तिनका तिनका सजा सजाकर
तिनका तिनका सजा सजाकर
AJAY AMITABH SUMAN
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
Ajit Kumar "Karn"
इतना आसां नहीं ख़ुदा होना..!
इतना आसां नहीं ख़ुदा होना..!
पंकज परिंदा
"मुझे लगता है"
Dr. Kishan tandon kranti
नानी का घर
नानी का घर
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
Loading...