ग़ज़ल- घायल हो गये (राना लिधौरी)
ग़ज़ल- घायल हो गये-
बचते-बचते ही तो घायल हो गये।
नज़रे क़ातिल के यूं कायल हो गये।।
रक्स पर उसके हुआ ये हाल दोस्त।
यूं लगा हम उसकी पायल हो गये।।
प्यार से देखा उन्होंने जब हमें।
आँख का हम उनकी काजल हो गये।।
दूर ही से देख उनको ऐ रफ़ीक।
जो गए नज़दीक पागल हो गए।।
छाई जब ‘राना’ मुहब्बत की घटा।
सब्ज़ सबके दिल के जंगल हो गए।।
***
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक-“आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ बुंदेली पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
*( राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-60पेज-68 से साभार