गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
ना जिसके पास रहने को छत है
ना मां बाप का साया
ये सप्ताह हो अमीरों का है साहिब
हम गरीबों के पास तो दो वक्त का
भोजन नसीब नहीं
संस्कार ,सभ्यता,
और चरित्र की मर्यादा का पालन करना सीखो
अमीरों की सभ्यता मत अपनाओ
नही तो आने वाली पीढ़ी आपको
ठुकराएगी