Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2020 · 1 min read

गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों को हार्दिक श्रद्धांजलि

वीर सपूतों के जज्बे को, शत-शत नमन प्रणाम है
ऋणी रहेगा देश तुम्हारा, अंतिम तुम्हें प्रणाम है
भूल न पाएंगे कुर्बानी, इस गलवान की घाटी की
चुन-चुन कर हम बदला लेंगे, कसम हमें इस माटी की
नाम तुम्हारा अमर रहेगा, शौर्य गीत हम गाएंगे
बीत जाएंगी सदियां और युग, तुमको नहीं भुलाएंगे

Language: Hindi
12 Likes · 14 Comments · 308 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
शिक्षा
शिक्षा
Neeraj Agarwal
गाए जा, अरी बुलबुल
गाए जा, अरी बुलबुल
Shekhar Chandra Mitra
रिश्ते चंदन की तरह
रिश्ते चंदन की तरह
Shubham Pandey (S P)
मनोकामना
मनोकामना
Mukesh Kumar Sonkar
जीवन की इतने युद्ध लड़े
जीवन की इतने युद्ध लड़े
ruby kumari
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
Surinder blackpen
सताया ना कर ये जिंदगी
सताया ना कर ये जिंदगी
Rituraj shivem verma
बदलती फितरत
बदलती फितरत
Sûrëkhâ Rãthí
बादल (बाल कविता)
बादल (बाल कविता)
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
#हंड्रेड_परसेंट_गारंटी
#हंड्रेड_परसेंट_गारंटी
*Author प्रणय प्रभात*
नए साल की नई सुबह पर,
नए साल की नई सुबह पर,
Anamika Singh
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
किसी को दिल में बसाना बुरा तो नहीं
किसी को दिल में बसाना बुरा तो नहीं
Ram Krishan Rastogi
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
Neelam Sharma
"जरा सोचिए"
Dr. Kishan tandon kranti
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
Dr MusafiR BaithA
पतंग
पतंग
अलका 'भारती'
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
कवि दीपक बवेजा
"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
Dr. Vaishali Verma
जीवन का एक और बसंत
जीवन का एक और बसंत
नवीन जोशी 'नवल'
तेरा फिक्र
तेरा फिक्र
Basant Bhagawan Roy
" ऐसा रंग भरो पिचकारी में "
Chunnu Lal Gupta
तुम्हीं हो
तुम्हीं हो
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...