गलत बात है
212 212 212 212
रोज़ ही याद आना गलत बात है
रात दिन यूँ रुलाना गलत बात है
रोटियों के बिना कोई भूखा मरे।
मंदिरों में खजाना गलत बात है।।
मोह माया ये झूठी है संसार की।
मन कहीं भी फसाना गलत बात है।।
कितनी नाज़ुक हैं ये फूल सी बेटियाँ ।
तो हवस में मसलना गलत बात है।।
बूढ़े माँ बाप बेटों के होते हुए।
ढूंढते हैं ठिकाना गलत बात है।।
ये नज़र वाण कर देंगे घायल मुझे।
देखकर मुस्कुराना गलत बात है।।
ऐसे बलशाली होने से क्या फायदा।
निर्बलों को सताना गलत बात है।।
✍? श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव
साईंखेड़ा