गलती सब से होती हैं
गलती सब से होती है
माना हमसे थोड़ा ज्यादा होती हैं
अंदाज ग़लत नहीं होते मेरा
बस लिखने में गलती होती हैं।।
खुद को सुधारते है, सुधारते रहेंगे
जब तक लिखने की चाह रखेंगे
खुद को निखारतें रहेंगे।।
हम ओ पहली लेखिका हैं
जिसे लेखनी के क,ख,ग नहीं मालूम
फिर भी लिखने की तमन्ना रखते हैं
सभी मोटे-मोटे किताब पढ़कर लिखते हैं
और हम इंसानों को पढ़कर लिखते हैं।।
शायद यही से होती है गलती
मगर क्या करें हम, हमें यही है भातीं
ऐसा नहीं की हम जान-बूझकर करते हैं गलती
हमसे अक्सर हो जाती हैं गलती।।