गलतियों से प्रेरणा लेना ही जिंदगी है I
यह कहावत चरितार्थ होती है कि इंसान गलतियों का पुतला है I हर इन्सानअपने हर शुरुआती दौर मे एक नवजात की तरह होता है I जैसे नन्हा परिंदा अपने आस पास होने वाली हर एक छोटि छोटि चीजों का अनुभव करता है और आगे बढ़ता चला जाता है I परिन्दे का हर दिन उसे कुछ नया सिखा जाता है उसी तरह एक सफ़ल इंसान भी अपने जीवन को नन्हे परिन्दो की भाँति जीता है I जीवन का असली अनुभव गलतियो से ही आता है I ये गलतियां हमे वो पाठ सिखा देती है जो हम अपने जीवन के विधालय में सीख जाते है I हमारा अध्यापक वक़्त और हालात होते है और गलतियाँ हमारी परीक्षा I संसार मे कोई भी ऐसा व्यक्ति मात्र नहीं होगा जिसने अपने जीवन में कोई गलती ना की हो I अपनी द्वारा की गयी गलतियों से सबक लेना ही महत्वपूर्ण है I अगर आप एक बार पत्थर से टकराते है अगले पल उस पत्थर से सावधान होना सीख जाते है I यदि हम सबक नहीं ले रहे है तब हम खुद के जीवन के प्रति लगाव नहीं रख रहे है I जिन्दगी की गलतियों से ही हम हर पल कुछ सीखते है, अनुभव लेते है और भविष्य को सुनहरा करते है I जब हम स्वम के द्वारा की गयी गलतियों से सबक लेते है तब निश्चित ही खुद मे परिवर्तन चाहते है I गलतियां और अनुभव सफ़लता की वो सीढियाँ चढना सिखा देती है जो व्यक्ति खुद के लिये ख्वाबो का संसार संजोये रखता है Iअगर आप अपने अतीत को पकड़ कर रोते रहोगें तब आप आज कुछ नहीं कर पाएगे और आपका कल भी बिगड़ जायेगा। जो हो गया उस पर अब आपका कोई नियंत्रण नहीं हैं,लेकिन आने वाले कल पर हमारा नियंत्रण है I सबसे ज्यादा जरूरी है कि खुद के प्रति ईमानदारी और गलतियों की परख I गलतियां इंसान के स्वभाव का हिस्सा है I अगर गलतियां नहीं कर रहे हो तब आप कुछ नया सीखने की चाह नहीं रख रहे है I
युक्ति वार्ष्णेय “सरला”