गलतफहमी
गलतफैमियाँ अपनों के बीच में, कभी भी आने नहीं देनी चाहिएं।
फिर भी यदि आ जाएं गलती से,जल्दी से जल्दी मिटा देनी चाहिएं।।
दूरियाँ कितनी बढ़ जाती हैं,ज्यों ही गलतफैमियाँ जन्म हैं लेती।
बजे बसाये सुंदर से घर को, यही गलतफैमियाँ तोड़ हैं देती।।
रिश्ते और याराने सालों जो,तिनका तिनका जोड़ने से बनते हैं।
गलतफैमी के एक झोंके से,तिनका तिनका फिर वही बिखरते है।।गलतफैमियाँ अपनों के बीच में, कभी भी आने नहीं देनी चाहिएं।
फिर भी यदि आ जाएं गलती से,जल्दी से जल्दी मिटा देनी चाहिएं।।
दूरियाँ कितनी बढ़ जाती हैं,ज्यों ही गलतफैमियाँ जन्म हैं लेती।
बजे बसाये सुंदर से घर को, यही गलतफैमियाँ तोड़ हैं देती।।
रिश्ते और याराने सालों जो,तिनका तिनका जोड़ने से बनते हैं।
गलतफैमी के एक झोंके से,तिनका तिनका फिर वही बिखरते है।।
अपने विचार बता दो सबको,और अपने अनुसार ही कार्य करो।
किसी को कार्य सही लगेगा, और यदि किसी को बुरा लगे उसे जाने दो।।
किया कार्य यदि सही है तो वो,सबकी समझ में आ जाएगा।
किया कार्य यदि गलत है तो वो,तुमको यह समझा जायेगा।।
सुनो दूसरों को भी मन से,और फिर विचार कर कार्य करो।
मिलजुल कर ले लो तुम निर्णय,और सबकी समझ से कार्य करो।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी