Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2018 · 1 min read

गर्मी पर दोहे

1
आमों की सौंधी महक, गर्मी की पहचान
खरबूजे तरबूज हैं, इस मौसम की जान
2
गर्मी में झुलसी त्वचा, तेज बहुत है धूप
चेहरा तन सब ढाकिये, बिगड़ न जाये रूप
3
जल का सेवन कीजिए, गर्मी में भरपूर
लू के तभी प्रकोप से, आप रहोगे दूर
4
ठंडी आइस क्रीम में, बसती सबकी जान
पीकर ठंडे पेय को, होती दूर थकान
5
ऎसी में भी बैठकर, हो जाते बेहाल
पूछो जरा गरीब से, क्या है उसका हाल

19-05-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

1397 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
AMRESH KUMAR VERMA
*अहं ब्रह्म अस्मि*
*अहं ब्रह्म अस्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तनिक लगे न दिमाग़ पर,
तनिक लगे न दिमाग़ पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
gurudeenverma198
मंजिल नई नहीं है
मंजिल नई नहीं है
Pankaj Sen
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
Phool gufran
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
Dr fauzia Naseem shad
ईश्वर के प्रतिरूप
ईश्वर के प्रतिरूप
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* उपहार *
* उपहार *
surenderpal vaidya
Mental Health
Mental Health
Bidyadhar Mantry
साल ये अतीत के,,,,
साल ये अतीत के,,,,
Shweta Soni
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
तेरे इंतज़ार में
तेरे इंतज़ार में
Surinder blackpen
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
Subhash Singhai
वोटों की फसल
वोटों की फसल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
बुढापे की लाठी
बुढापे की लाठी
Suryakant Dwivedi
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जय श्री राम
जय श्री राम
Er.Navaneet R Shandily
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
सिद्धार्थ गोरखपुरी
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
Bhupendra Rawat
"घोषणा"
Dr. Kishan tandon kranti
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
Manisha Manjari
कुंती कान्हा से कहा,
कुंती कान्हा से कहा,
Satish Srijan
*अभी तो घोंसले में है, विहग के पंख खुलने दो (मुक्तक)*
*अभी तो घोंसले में है, विहग के पंख खुलने दो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...