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20 Aug 2017 · 1 min read

गरीब की पुकार

गजब का मिठास है मुझ गरीब के खून में,जिसको भी मौका मिला पिया वो जरूर है। जिनके हाथो में हर वक्त हतौड़े रहा करते है,दुनियाँ उन्ही के दम पर महलो मे रहा करती है।। अगर मलहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मो पर लगा देना, हकीम तो बहुत है बाजारों मे पर वो अमीरो के लिए है। लोगो यूँ न हसा करो गरीब की गरीबी पर,जहा हसरते हमेशा किलकारियाँ मारा करती है।इरफान खान(बी एड)द्वारा स्वरचित कविता।

Language: Hindi
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