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15 May 2023 · 1 min read

गरीब की दिवाली

हर रंग में तून,
हर रूप में तून.
तेरा नूर दुनिया से आली है,
मुझे भी बता भगवन
कुछ उपाय
दिवाली पर मेरी तो
अलमारी खाली है….

एक लाचार, गरीब , के दिल कि दुआ
सुन ले ओ दुनिया के रखवाले
दुनिया तो अपना घर साफ़ कर रही,
मेरे घर में तो लगे हैं जाले ही जाले

तेरी रहमत बरसती है पैसे वालो की पुताई में,
तूने गरीब क्यों बनाया ,रह गया बेचारा मुरझाई में,
सोच सोच कर तेल लाऊँ या दिवाली का दीपक जलाऊ,
या घर का चूल्हा जलाऊ, इस महंगाई में ….

कविअजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
256 Views
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