गरीबों से कब उनके नाते रहेंगे।
गज़ल
122……122……122…..122
जो मजदूर को वो सताते रहेंगे।
गरीबों से कब उनके नाते रहेंगे।1
दशा देश की और भी होगी बत्तर,
जो दौलत ये नेता उड़ाते रहेंगे।2
जम़ी ये जहन्नुम से कमतर नहीं है,
इसे फिर भी जन्नत बताते रहेंगे।3
ये दो गज की दूरी न मिलना मिलाना,
तो दिल और आखें मिलाते रहेंगे।4
किराए का घर जिंदगी ये सभी की,
इसे छोड़ कर सब ही जाते रहेंगे।5
हुए जो फिदा जान देकर वतन पर,
शहीदों को सिर हम झुकाते रहेंगे।6
बनो वायु जल थल गगन के ही प्रेमी,
ये जीवन को सुखमय बनाते रहेंगे।7
…….✍️ प्रेमी