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19 May 2024 · 1 min read

गरीबी

मोहताज जिंदगी बड़ी दुखद होती है। गरीबी अभिश्राप सी है,जीवन के लिए।
दयनीय जीवन संघर्ष हरेक पल ।
ढोते हैं जिंदगी लाचार बोझ की तरह । आहत करती है गरीबी। तन-मन-जीवन बोझिल, जीवन बेहाल -फटेहाल करती है गरीबी। आहत करती है गरीबी।

Language: Hindi
66 Views
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