Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

गरीबी

गरीबी दुनियां में अभिशाप
गरीबी बेवस लाचारी जीवन भार
भूख भय दहसत पल प्रहर दिन
रात।।
मानव मानवता लज्जित
गरीबी का देख हाल खाने को रोटी नही तन पर आधे वस्त्र छुधाअग्नि से परेशान।।
फटेहाल मेहनत करता हाथ पसारता क्या क्या नही करता गरीब फटेहाल
भूख से कभी तड़पता ठंड में कभी सिकुड़ता दिख जाता गटर किनारे
या फुटपाथ।।

दुनियां के तानों से मरता घृणा के मारों से मरता चाह सिर्फ रोटी की रोटी
की खातिर मरता गरीब गरीबी शर्मसार।।
कभी मिल जाती नसीब से
कभी ऐसे ही गटर का पानी
पिता मरता हाय गरीबी तेरे
दामन में घुट घुट कर पल
पल मरता
ईश्वर खुदा भगवान को नही
कोसता दो रोटी मिल जाये
ईश्वर अल्लाह की दुआएं देता
खुद का घर नही भर जाए
घर परिवार।।
विकसित दुनियां सभ्य समाज
नैतिकता का साम्राज्य गरीब गरीबी के लिये नही कोई दुनियां में अब तक बना इलाज।।
रोटी जीवन का मकसद रोटी रहमत का वरदान रोटी मिल जाये तो जीवन
आसान नही मिली रोटी जूठे
छुटे से भी काम चलाता नही मिला कुछ भी तो कचड़े से भी एक रोटी
की दरकार।।।

जानवर से भी बदतर कभी कभी गरीब बन जाता मेहनत मजदूरी करता
अपमान का विषपान नियत दुनियां में गरीब गरीबी पाप अपराध।।

Language: Hindi
188 Views
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all

You may also like these posts

उड़ान!
उड़ान!
Kanchan Alok Malu
*नासमझ*
*नासमझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
थोड़ा सा थका हूँ मगर रुका नही हूँ
थोड़ा सा थका हूँ मगर रुका नही हूँ
पूर्वार्थ
" काले सफेद की कहानी "
Dr Meenu Poonia
:
:"यादों की बारिश" (The Rain of Memories):
Dhananjay Kumar
ऐसा वर दो हे वीणावादिनी ©डॉ. अमित कुमार दवे, खड़गदा
ऐसा वर दो हे वीणावादिनी ©डॉ. अमित कुमार दवे, खड़गदा
अमित कुमार दवे
2850.*पूर्णिका*
2850.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" गौर से "
Dr. Kishan tandon kranti
ठूंठा पेड
ठूंठा पेड
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
मां तुम्हारे प्यार को कैसे बयां करूँ
मां तुम्हारे प्यार को कैसे बयां करूँ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"यादें"
Yogendra Chaturwedi
वनमाली
वनमाली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🦅छोटी सी नन्हीं सी चिड़ियाँ🦅
🦅छोटी सी नन्हीं सी चिड़ियाँ🦅
Dr. Vaishali Verma
- अनदेखा करना -
- अनदेखा करना -
bharat gehlot
Life
Life
Dr Archana Gupta
ये आवारगी
ये आवारगी
ज्योति
ये दिलकश नज़ारा बदल न जाए कहीं
ये दिलकश नज़ारा बदल न जाए कहीं
Jyoti Roshni
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
Ravi Prakash
घर की मृत्यु.
घर की मृत्यु.
Heera S
एक सुहागिन का 'शुक्रिया'
एक सुहागिन का 'शुक्रिया'
Roopali Sharma
😊अजब-ग़ज़ब😊
😊अजब-ग़ज़ब😊
*प्रणय*
सोच
सोच
Srishty Bansal
हिंदी दिवस को प्रणाम
हिंदी दिवस को प्रणाम
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
बूँदे बारिश की!
बूँदे बारिश की!
Pradeep Shoree
न दुख से परेशान होइए।
न दुख से परेशान होइए।
Rj Anand Prajapati
सहूलियत देख कर मिलने आते हो
सहूलियत देख कर मिलने आते हो
Chitra Bisht
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
Subhash Singhai
वो भी क्या दिन थे ...
वो भी क्या दिन थे ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
Loading...