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14 May 2023 · 1 min read

गरीबी

ग़रीबी मे लोग मजबूर हो जाला
पढी लिखी मजदूर हो जाला
दु रोटी कमावे खातिर
घर परिवार चलावे खातिर
आपन घर सभे छोड देला
अपने घर बनावे खातिर
कहु दिन दुपहरिया खडी धुप मे
खुन पसीना बहावे
त केहु पिछे पनही त केहु बोझ उठावे
केहु दिन रात मेहनत करे मिटावे खातिर भुख
ना भुख मिटे ना चिंता मिटे
ना मिले कबो चैन सुख
पईसा के बा खेल निराला गजब खेल दिखावे
पइसा खातिर जज बने सभ पईसे मुजरिम बनावे
गरीबी बडी महान ह भाई ,जे सबके अपनावे
के आपन ह के बेगाना, भली भाती समझावे
सुख बडा सवाथी ह समर ,जे अपने के भी भुल जाला
तोड देला हर रिश्ता नाता ,धमंड मे अतना चुर होला

Language: Hindi
100 Views
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