गया _ गया इक्कीस गया __ कविता
गया _ गया इक्कीस गया,
बाईस की आई बारी।।
शुभ _ शुभ ही होगा अब सब कुछ,
होगी दूर वह महामारी।
कि जिसने पूरे साल सताया।
नया सबेरा अब है आया।।
बीती बातें भूल के हमको,
संकल्प नया लेना होगा।
सटीक उपाय अपना कर के,
चलना और चलाना होगा।।
अपनी रक्षा _देश की रक्षा,
सुरक्षा चक्र तैयार करे।
सजग सावधान रहकर के,
जन _ जन से प्यार करे।।
नव सूरज _ नव किरणे लेकर,
नव उजियारा लाया है।
हमने भी मन के भीतर ,
सपना नया सजाया है।।
राजेश व्यास अनुनय