गम हमें होगा बहुत
लुट गए अरमान गर तो गम हमें होगा बहुत
हो गए बदनाम यूँ तो गम हमे होगा बहुत
कश्ती हमारे प्यार की लहर उठे तो गम नहीं
आ गया तुफान गर तो गम हमें होगा बहुत
हो गए बदनाम तो
प्यार की खुशबू मिली महक उठा जीवन मेरा
गुलशन बने विरान तो गम हमें होगा बहुत
हो गए बदनाम तो
तुम तराना बन गई तो मैं भी गजल गाने लगा
महफिल रहे सुनसान तो गम हमें होगा बहुत
हो गए बदनाम तो
देखके हंसना तुम्हारा हमको भी हंसना आगया
रूठा रहे मेहमान गर तो गम हमें होगा बहुत
हो गए बदनाम तो
आरजू थी जिंदगी भर यह साथ ना छूटे तेरा
तुम करो अभिमान तो गम हमें होगा बहुत
हो गए बदनाम तो
“V9द”तुम पर जिंदगी कुर्बान अपनी कर चुका
तुम रहो अनजान यूँ तो गम हमें होगा बहुत
हो गए बदनाम तो
स्वरचित
V9द चौहान