गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने,
खुशियां ठहरी नहीं कभी।
पल में ही छिन ली गई,
होठों से हंसी मुस्कान मेरी।
दिल टूटा इतनी बार मेरा,
उठा भरोसा फिर सभी से।
आँखों से मेरी आंसू बहे,
अरमान सारे बिखर गए।
जरुरत जब भी पड़ी मुझे,
निगाहें सभी ने फेर लिया।
आँसू बन गए मेरे हमसफ़र
हर दर्द में मिले यही सहारे।
अकेली रह गई सफ़र में,
साथ किसी का मिला नहीं।
कदम थक गए चलते चलते
सांसें भी रुकने लगी मेरी।
गम की आँधियाँ आईं कई,
दर्द के बादल भी थे बरसे।
लेकिन हार मैंने मानी नहीं,
जिंदगी की हर जंग है लड़ी।
– सुमन मीना (अदिति)