गणेश वंदना
आनंदवर्धक_छंंद_
मापनी_2122_2122_212
बाल गणपति! भाल पर चंदा सजे।
शोकहारी! जग तुम्हेँ ज्यादा भजे।।
हो सदाशुभ लाभ के दाता तुम्हीं।
कामगति! ब्रह्मांड के ज्ञाता तुम्हीं।
थाल में मोदक लगाया भोग है।
द्वार तेरे हाथ जोड़े लोग हैं।
हो रही पूजा तुम्हारी शान से।
नाथ! तुम हटते नहीं हो ध्यान से।
हे गजानन! कार्य सब मंगल करो।
पार्वती के लाल! मन निर्मल करो।
वामदेवा! शिव दुलारा दर्श दो।
कामना पूरी करो सब हर्ष दो।
नाथ लंबोदर! हमें तुम प्यार दो।
आज मेरे घर पधारो तार दो।
बुद्धि दाता! ज्ञान का भंडार दो।
छंद,गति,लय,तान का उपहार दो।
मंगलम मंगलमयी वरदान दो।
हे गणेशा! मोरया शुभ गान दो।
हे विनायक! लेखनी में प्राण दो।
प्रेम से सेवा करूँ कुछ त्राण दो
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली