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1 Apr 2024 · 1 min read

गणेश वंदना

बल,बुद्धि,विवेक के तुम ही दाता!
मंगलमुर्ति हो मंगल कार्य विधाता!!
शिव-गौरा सुत, लम्बोदर सुखदाई,
मात-पितृ प्रदक्शिणा तुम्है लुभाता!!
किए पराजित कार्तिकेय विवेक से,
प्रथम पूज्य पद तुम्है सदा दिलाता!!

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