गणेश चतुर्थी
पधारो म्हारे घर में विघ्न विनाशक।
कृपा करो ,रहे मन तेरा ही उपासक।
माना सब जग ने तुम्हें अलग अभेवा
माता थारी पार्वती,पिता महा देवा।
गणेश जी करते दूर सारे जग के कष्ट,
सही करें झटके से,जो हो बुद्धि भ्रष्ट।
भक्ति में अपनी मुझ रंग दो हे एकदंत
बनी रहे कृपा ,मुझ पर तेरी अनंत।
सब कुछ जग में,तेरे कहने से हो रहा
जोर से बोलो सभी, गणपति बप्पा मोरया।
सुरिंदर कौर