गणपति
गणपति कहती दुनिया सारी
सूंड तुम्हारी लगती प्यारी
लड्डू खाते भर भर थाली
बात तुम्हारी बड़ी निराली
सर हाथी का कितना भारी
और मूषक पर करो सवारी
कितनी अद्भुत है ये लीला
फिर भी लगता रूप सजीला
मात पिता ब्रहमांड मानकर
लगा लिया पल में ही चक्कर
प्रथम निमंत्रण तुमको जाता
तुम ही सबके भाग्य विधाता
18-09-2018
डॉ अर्चना गुप्ता