गणतंत्र का जश्न
आइये, तिरंगा फहरायें,
वन्देमातरम् जयघोष लगायें।
कहे केसरिया, हरा, सफेद,
जाति – धर्म का न रहे भेद ।
अपनी धरा, गगन है अपना,
मंजिल अपनी, अपना सपना,
प्रगति-पथ पर कदम बढ़ायें।
वन्देमातरम् …..!!
राष्ट्र-हित में कर्म करें हम,
निज-बलिदान से न डरे हम
हम भारतीय हैं कहें शान से,
मिट जायें तिरंगे की आन पे,
गणतंत्र का मिल जश्न मनायें।
वन्देमातरम्…..।
रचनाकार : कंचन खन्ना, मुरादाबाद, ( उ०प्र०, भारत )।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक : २३/०१/२०२१ .