Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

गज़ल

एक गज़ल

मुहब्बत है तुमसे तुम को हम दिलदार कहते हैं ,
इश्क मुकम्मल हो हमारा हमारे यार कहते हैं।

आंखों में सजते अनगिनत ख्वाब इश्क के नाम ,
ज़माने की नज़र ना लगे हम यही बार कहते हैं ।

मीठा सा अनुबंध प्रेम का ,बंध विचारों का अलबेला,
हौले हौले,से डूब जाना तुम में इसे ही प्यार कहते हैं।

सजना संवरना शरमाना उपक्रमों की लडी हजार,
समा जाए उस शख्स के अंदर उसे संसार कहते हैं।

बासंती पुरवाई में कामदेव का यूँ तीर चलाना ,
पलकें झुक जाऐ शरम से उसे तीर का वार कहते हैं।

सुर्ख लाल रंग का लालित्यपूर्ण वातावरण चहुँओर,
पल्लू से चेहरे को छिपाना उसे ही श्रृंगार कहते हैं।

हर रंग में”राज’ की खुबसूरती नया साज सजाती,
नूर बरसता है मेरी हर अदा में ये सरकार कहते हैं ।।

डा राजमती पोखरना सुराना

1 Like · 1 Comment · 79 Views

You may also like these posts

_ऐ मौत_
_ऐ मौत_
Ashwani Kumar Jaiswal
प्यार ही ईश्वर है
प्यार ही ईश्वर है
Rambali Mishra
..
..
*प्रणय*
प्रेम इवाद्त
प्रेम इवाद्त
sheema anmol
शब्द ब्रह्म अर्पित करूं
शब्द ब्रह्म अर्पित करूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मिल  गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*भरत राम के पद अनुरागी (चौपाइयॉं)*
*भरत राम के पद अनुरागी (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
लगाते भाल पर चंदन बताते गर्व से हिंदू,
लगाते भाल पर चंदन बताते गर्व से हिंदू,
Anamika Tiwari 'annpurna '
उल्फत के हर वर्क पर,
उल्फत के हर वर्क पर,
sushil sarna
चंचल मोर सा मन
चंचल मोर सा मन
SATPAL CHAUHAN
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
Paras Nath Jha
खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
Phool gufran
3161.*पूर्णिका*
3161.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"कहने को हैरत-अंगेज के अलावा कुछ नहीं है ll
पूर्वार्थ
अगर हो अंदर हौसला तो पूरा हर एक काम होता है।
अगर हो अंदर हौसला तो पूरा हर एक काम होता है।
Rj Anand Prajapati
ढलता सूरज गहराती लालिमा देती यही संदेश
ढलता सूरज गहराती लालिमा देती यही संदेश
Neerja Sharma
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
नेता जी
नेता जी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
यही है वो संवेदना है
यही है वो संवेदना है
Sandeep Barmaiya
गीत- तेरा जो साथ मिल जाए...
गीत- तेरा जो साथ मिल जाए...
आर.एस. 'प्रीतम'
बहुत ढूंढा बाजार में यूं कुछ अच्छा ले आएं,
बहुत ढूंढा बाजार में यूं कुछ अच्छा ले आएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
Sonam Puneet Dubey
सुरक से ना मिले आराम
सुरक से ना मिले आराम
AJAY AMITABH SUMAN
रुलाई
रुलाई
Bodhisatva kastooriya
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
जगदीश लववंशी
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
Vivek saswat Shukla
यह दिल
यह दिल
Minal Aggarwal
ସାଧନାରେ କାମନା ବିନାଶ
ସାଧନାରେ କାମନା ବିନାଶ
Bidyadhar Mantry
माता पिता भगवान
माता पिता भगवान
अनिल कुमार निश्छल
Loading...