गजल
आंखो में नमी दिल में जलजला लाए हैं
जिंदगी तुझे निभाने का हौसला लाए हैं
पहचान में नही आती अपनी सूरत
जब से हम घर में आईना लाए हैं
दरखतो पे पंछी उदास बैठे है
वो बाज के हक में फैसला लाए है
जिए बिना यूं ही गुजरी है ज़िन्दगी
हम दोनों सिरों को मिला आए हैं
उमर भर हमें जुदा करते रहे रास्ते
हम अब दुआओं का सिलसला लाए हैं