Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2016 · 1 min read

गजल

आ गये जब पास मेरे वो हिचकिचाये भी नहीं
दर्द दास्तां को सुना तब वो लजाए भी नहीं

प्यार में पागल हुए जो हम न शरमाए कभी
भूल फिर हमसे हुई तब बडबडाए भी नहीं

रो रहा दिल यह कभी ठुकरा दिया तूने हमें
छोड़ तुझको दिल पे कोई और छाए भी नहीं

उस खुदा को आप में हमने हमेशा पा लिया
इसलिये तो सोच के हम आजमाए भी नहीं

छांव बन के मैं चलूँ , रग में बसू तेरी अभी
रात मेरे साथ रह क्यों जगमगाए भी नहीं

ताप दिल का दूर होता , बाँसुरी बन बजते तुम
मन सुरों की सरगमें बन , गुनगुनाए भी नहीं

गीत तेरे प्रेम के गाती रही हूँ आज भी
खत लिखे चाहत भरे मैनें जलाए भी नहीं

67 Likes · 484 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all

You may also like these posts

■ आज की बात...!
■ आज की बात...!
*प्रणय*
बिन्दास जियो
बिन्दास जियो
Minal Aggarwal
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
Subhash Singhai
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
Shiva Awasthi
गर्मी की छुट्टी
गर्मी की छुट्टी
Ayushi Verma
लड़कियों का दिल बहुत ही नाजुक होता है उन्हे हमेशा प्यार और स
लड़कियों का दिल बहुत ही नाजुक होता है उन्हे हमेशा प्यार और स
Rj Anand Prajapati
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
Anamika Tiwari 'annpurna '
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
ग़ज़ल 1
ग़ज़ल 1
Deepesh Dwivedi
शांति दूत
शांति दूत
अरशद रसूल बदायूंनी
जाते वर्ष का अंतिम दिन
जाते वर्ष का अंतिम दिन
Anant Yadav
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
**बड़े चंगे दिन सी माये**
**बड़े चंगे दिन सी माये**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
संवेदना
संवेदना
Khajan Singh Nain
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
कवि रमेशराज
एक नज़्म _ सीने का दर्द मौत के सांचे में ढल गया ,
एक नज़्म _ सीने का दर्द मौत के सांचे में ढल गया ,
Neelofar Khan
जय श्री राम!
जय श्री राम!
Dr. Bharati Varma Bourai
2785. *पूर्णिका*
2785. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कर (टैक्स) की अभिलाषा
कर (टैक्स) की अभिलाषा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गज़ल
गज़ल
rekha mohan
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
*मां*
*मां*
Shashank Mishra
जिंदगी में -
जिंदगी में -
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
"बेताब"
Dr. Kishan tandon kranti
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Rashmi Sanjay
हिन्द की हस्ती को
हिन्द की हस्ती को
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
खत और समंवय
खत और समंवय
Mahender Singh
प्रेम साधना श्रेष्ठ है,
प्रेम साधना श्रेष्ठ है,
Arvind trivedi
जो कभी थी नहीं वो शान लिए बैठे हैं।
जो कभी थी नहीं वो शान लिए बैठे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...