गजल
गज़ल :–
तू महलो कि रानी है
जन्नत सी तेरी कहानी है ।
मै विराना सा सायर हु
विरानी मेरी जवानी है ।
अबला सी तु चंचल है
सरपत सी लचकानी है ।
मै अदना आशिक ठहरा
हर रुप मेरा बचकानी है ।
जीवन तुझसे हुआ शुरु
और तुझपे खत्म कहानी है ।
तुझ बिन जीवन कुछ ना है
तुझ बिन जीना बेमानी है ।