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15 Jun 2023 · 1 min read

गजल

मीठी यादों को फिर पिरोने से ।

सुख छलकता है दिल के कोने से ।

प्यार भरा आंचल ही बेहतर है,

किसी मखमली बिछौने से ।

नीम का चेहरा भी शहद होता है ,

आसपास तितलियों के होने से ।

जिसके सर पर छांव दुआ की है ,

कुछ न बिगड़ता जादू -टोने से ।

फर्क खुशियों को कुछ नहीं पड़ता,

ढेर दौलत का संग न होने से ।

फल को देखकर मलाल क्यों करना ,

वो तय हो जाता है बीज बोने से ।

4 Likes · 1 Comment · 243 Views
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