गजल
एक भी आंसू न बहना चाहिए,
दर्द को चुपचाप सहना चाहिए।
एक ओछी बात या तकरार को,
चार लोगों में न कहना चाहिए।
प्रेम की खुश्बू बिखर जाए मगर,
नफरती दीवार ढहना चाहिए ।
मुश्किलों से सामना करते रहो,
जिंदगी महफूज रहना चाहिए।
तुम किसी के मीत बन जाओ सहज,
सादगी का एक गहना चाहिए।
जगदीश शर्मा सहज