Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2021 · 1 min read

गजल

✒️?जीवन की पाठशाला ?️

मेरे द्वारा लिखित मेरी पहली ग़ज़ल

कैसे गजल सुनाऊँ तुम्हें
क्या गजल सुनाऊँ तुम्हें
कौन सा घाव दिखाऊँ तुम्हें
कौन सा दर्द बताऊँ तुम्हें -1

वक़्त ने जिस कदर मारा है मुझे
वक़्त ने जिस कदर गिराया है मुझे
वक़्त आसमान से जमीन पर लाया है मुझे
ये वक़्त -वक़्त की बात है कौन सा वक़्त सुनाऊँ तुम्हें -2

कल तलक काफिले थे पीछे मेरे
कल तलक झुकते थे सिर आगे मेरे
आज वही खंजर लिए तैयार हैं मारने को मुझे
कैसे दर्द ए दिल बतलाऊँ तुम्हें -3

सोचता हूँ अब दिन और रात
ये वक़्त की मार है या
है ये कर्मफलों की मार
अब तो परछाई से भी लगता है डर कैसे बतलाऊँ तुम्हें -4

वक़्त ने सिखलाया की कोई नहीं है तेरा
पराये तो हैं ही पराये अपना भी नहीं कोई यहाँ तेरा
सब साथी है चकाचोंध और सुख के
दुःख में क्या क्या बीती क्या बताऊँ तुम्हें -5

जिंदगी एक बोझ बन गई है
अपने लिए ही नहीं अपनों के लिए भी
मौत मांगता हूँ तो आती नहीं
इस जिन्दा लाश का क्या कफ़न दिखाऊं तुम्हें -6

इंसान मर गया मर गई इंसानियत
खाये जख्म इतने की डर गई मेरी रूहानियत
अब हर तरफ सन्नाटा है -भय है वीरानी है
मेले में भी हम अकेले -कैसे समझाऊँ तुम्हें -7
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

1 Like · 1 Comment · 278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कौन कहता है आक्रोश को अभद्रता का हथियार चाहिए ? हम तो मौन रह
कौन कहता है आक्रोश को अभद्रता का हथियार चाहिए ? हम तो मौन रह
DrLakshman Jha Parimal
कोरे कागज पर...
कोरे कागज पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ!
माँ!
विमला महरिया मौज
"तेरी याद"
Pushpraj Anant
क्षणिका :  ऐश ट्रे
क्षणिका : ऐश ट्रे
sushil sarna
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
अन्तर्मन की विषम वेदना
अन्तर्मन की विषम वेदना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"सागर तट पर"
Dr. Kishan tandon kranti
अतीत के पन्ने (कविता)
अतीत के पन्ने (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
वतन की राह में, मिटने की हसरत पाले बैठा हूँ
वतन की राह में, मिटने की हसरत पाले बैठा हूँ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
मेरी चाहत रही..
मेरी चाहत रही..
हिमांशु Kulshrestha
वोट डालने जाना
वोट डालने जाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कविता
कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कर्नाटक के मतदाता
कर्नाटक के मतदाता
*प्रणय प्रभात*
जीवन में आगे बढ़ जाओ
जीवन में आगे बढ़ जाओ
Sonam Puneet Dubey
किंकर्तव्यविमूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
Shyam Sundar Subramanian
*** सागर की लहरें....! ***
*** सागर की लहरें....! ***
VEDANTA PATEL
विरक्ती
विरक्ती
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
मां
मां
Dr Parveen Thakur
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
कवि रमेशराज
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
डॉ०प्रदीप कुमार दीप
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
Vandna thakur
3435⚘ *पूर्णिका* ⚘
3435⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
पुरवाई
पुरवाई
Seema Garg
#कुछ खामियां
#कुछ खामियां
Amulyaa Ratan
बात बात में लड़ने लगे हैं _खून गर्म क्यों इतना है ।
बात बात में लड़ने लगे हैं _खून गर्म क्यों इतना है ।
Rajesh vyas
कैसा दौर आ गया है ज़ालिम इस सरकार में।
कैसा दौर आ गया है ज़ालिम इस सरकार में।
Dr. ADITYA BHARTI
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...