गजल (हो नहीं सकता)
गुरु जी कहिन
हो नहीं सकता
वंदे मातरम सा कोई नारा हो नहीं सकता।
हमें मां भारती से कोई प्यारा हो नहीं सकता।
जिसकी घर घाट में कश्ती डूबने से न बच पाई,
अब उसके भाग्य में कोई किनारा हो नहीं सकता।
विचारे बात मन में जो उसे सब बीच में काटें,
विचारों में कोई ऐसा बेचारा हो नहीं सकता।
राजनीति के नभ में सब सितारे डूबते देखे,
सितारा मोदी सा कोई सितारा हो नहीं सकता।
सगा जो बाप का भी न हुआ बस तख़्त की खातिर,
समझ में आ गया अब वह हमारा हो नहीं सकता।
रहो संयम से वा पूरी नियम से लो दवाई तुम,
गुरुजी ऐसा फीवर फिर दुबारा हो नहीं सकता ।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
29/5/2019