गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐
दसवां अंतिम दिन- मंगलवार 25जून 2024
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पावन गंगा-दशहरा को माँ गंगा एवं श्री भोलेनाथ को नमन करके उन्हें यह भाव-पुष्प समर्पण का संकल्प लिया जो आज पूर्ण होता है।
हम सभी भारतवासी मातृ स्वरूपा सभी पावन नदियों के शुद्धिकरण हेतु आत्म संकल्पित हों यही प्रेरक उद्देश्य लेकर यह लघु श्रृंखला आरम्भ की थी। आशा है अपने उद्देश्य में आंशिक सफलता प्राप्त की होगी।
💐💐 हर-हर गंगे💐💐
46.पाप मिटातीं जगत से जल का दिव्य प्रभाव।
जल पी लो विश्वास से बदले हृदय स्वभाव।।
बदले हृदय स्वभाव सगर पुत्रों को तारा।
कुटिल कलुष युत कलयुग में यह एक सहारा।।
रक्षा करो कि यह है मानवता की थाती।
युग युग से यह मानव मन के पाप मिटाती।।
47.गर्दन तक जल में खड़े करें साधना संत।
सभी गंग से मांगते शिव हरिभक्ति अनंत।।
शिव हरिभक्ति अनंत मिले इस दिव्य धार से।
सदा सिद्ध शुभ कर्म हृदय के शुभ विचार से।।
गंगा होगी स्वच्छ जीव-जन का संवर्धन।
हमें होश तब आता जब फंसती है गर्दन।।
48.हिम मंडितपर्वत शिखर गंगा करें निवास।
गंगा करती है कृपा जो शंकर के दास।।
जो शंकर के दास गंग की दशा सुधारें।
जीवनदायिनि मां गंगा पर तन-मन वारें।।
निर्मल गंगा धार देश में बहे अखंडित।
गंगा को करते समृद्ध पर्वत हिम मंडित।।
49.धारा में नौका चलें मछली करें किलोल।
शंख नगाड़े बज रहे घाट-घाट हरि बोल।
घाट घाट हरि बोल कहीं वेदों की बानी।
श्री हरि ने भेजी अपनी ये दिव्य निशानी।।
दूर करें मन से,कुबुद्धि का यह अंधियारा।।
शुचि सुंदर शुभ सत्य सदा गंगा की धारा।
50.आधि-व्याधि से मुक्त हो,मनचाहे आनंद।
गंगा के स्पर्श से कट जाते दुख द्वंद।।
कट जाते दुख द्वंद स्वर्ग का सुख मिल जाता।
शिव की कृपा भक्ति शिव की,शिव शक्ति विधाता।गंगा का जल मुक्त करे मन को उपाधि से।
काया रहती मुक्त अनेकों आधि-व्याधि से।।
💐💐💐समापन💐💐💐
51.काया स्वर्णिम चमकती रविकिरणों का जाल। संगम पर यमुना मिले धारा बने विशाल।।
धारा बने विशाल, संचरण करे धरा पर।
जहां सिंधु से मिलीं, बनाया गंगासागर।।
सदा शुद्ध निर्मल रहती हैं,प्रभु की माया।
मन को करें पवित्र शुद्ध कर देतीं काया।।
52.स्वर्गारोहण के लिए परम दिव्य सोपान।
पृथ्वी का श्रृंगार या जीवनमुक्त विधान।
जीवनमुक्ति विधान जुडीं यह जनजीवन से।
गंगा सेवा करो हृदयसे तन मन धन से।।
गंगा से मिलता है मानवता को पोषण।
एक आचमन करवा देता स्वर्गारोहण।।
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💐जय माँ गंगा-जय भोलेनाथ💐