गंगा (मुक्तक)
गंगा (मुक्तक)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
भागीरथ के कठिन तप की मधुर पहचान है गंगा
उलझकर शिव – जटा में स्वर्ग से प्रस्थान है गंगा
इसी के साथ जन-जन की जुड़ी जीवन- मरण यात्रा
मिली कुदरत से हिंदुस्तान को वरदान है गंगा
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 9761 5451