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13 Jan 2022 · 1 min read

गंगा (मुक्तक)

गंगा (मुक्तक)
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भागीरथ के कठिन तप की मधुर पहचान है गंगा
उलझकर शिव – जटा में स्वर्ग से प्रस्थान है गंगा
इसी के साथ जन-जन की जुड़ी जीवन- मरण यात्रा
मिली कुदरत से हिंदुस्तान को वरदान है गंगा
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 9761 5451

Language: Hindi
344 Views
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