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15 Jun 2023 · 1 min read

“ख्वाहिश”

ख्वाहिश यही,
बेमौत ना मारा जाऊँ,
देश पे जान लुटाऊँ,
वीर सेनानी कहलाऊँ,
झण्डे में लिपट घर आऊँ,
माँ का लाल कहलाऊँ,
अपने फर्ज से ना कतराऊँ,
दुश्मनों के छक्के छुड़ाऊं
अपने देश की पताका फहराऊँ,

ख्वाहिश यही,
चरण रज बन जाऊं,
जिस पथ चले सैनिक,
वहाँ बिछ जाऊँ,
सेनानियों के चरणों से लिपट जाऊँ,
धूल बनकर ही सही,
देश के काम आऊँ,

ख्वाहिश यही,
पहरेदार बन जाऊँ,
देश की मां बहन का,
रखवाला कहलाऊँ,
आँख दिखाये कोई,
आँखें नोच लाऊँ,
देश की माँ-बहन की,
आन बचाऊं,

ख्वाहिश यही,
गरीबों के काम आऊँ,
भूख से बिलखते बच्चों की,
भूख मिटाऊँ,
लाचार बूढ़े माँ -बाप का,
संबल बन जाऊँ,
वृद्ध आश्रमों की जरूरत ना हो,
ऐसे काम कर जाऊँ,

ख्वाहिश यही,
दुनिया को समझाऊँ,
एटम-बम नहीं,
मुहब्बत खरीदो,
युद्ध नहीं शांति खरीदो,
एटम-बम से जो तबाही होगी,
उसके लिये सचेत कर जाऊँ,
शांति दूत बन ” शकुन”,
दुनिया को शांति का पाठ
पढ़ाऊँ।।

Language: Hindi
77 Views
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