ख्वाहिशों की ना तमन्ना कर
ख्वाहिशों की ना तमन्ना कर
अपनों से ना उम्मीदे कर
ढूंढ ले मंजिल तू भी कोई
हर एक मंजिल की
ना तू इबादत कर।
हरमिंदर कौर अमरोहा
ख्वाहिशों की ना तमन्ना कर
अपनों से ना उम्मीदे कर
ढूंढ ले मंजिल तू भी कोई
हर एक मंजिल की
ना तू इबादत कर।
हरमिंदर कौर अमरोहा