Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2018 · 1 min read

ख्वाहिशे

बिन बोले जब घर आऊंगा, तो तुम चौंक उठोगी,
इतने अरसे से जो तुझको, ऐ हमसफ़र नही देखा।
जबसे बिछड़ा हुँ तबसे, ख्वाबों में ही हुई गुफ़्तगू,
एक तेरे सिवा किसी को भी, भर नज़र नही देखा।।

यह सरेराह जो इतराते है, करें उनकी क्या कदर,
जिसने कभी समंदर से मोती, चुनकर नही देखा।
महलों में रहने वाले को, आशियाने का क्या पता,
अपने हांथो से घोषला जिसने, बुनकर नही देखा।।

यह विरासत के फूल उन्हें, कर दो मुबारक बदर,
जिसने गुलाबों से काँटें कभी, चुनकर नही देखा।
गर पत्थर तुम्हे लगता हूँ मैं, तो पत्थर ही रहने दो,
कोई शीशा कभी ‘चिद्रूप’ जैसा, टूटकर नही देखा।।

©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित ११/०२/२०१८ )

11 Likes · 462 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुस्कुराते रहो
मुस्कुराते रहो
Basant Bhagawan Roy
सुन्दरता।
सुन्दरता।
Anil Mishra Prahari
सहज रिश्ता
सहज रिश्ता
Dr. Rajeev Jain
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
Bodhisatva kastooriya
प्रेम पर्व आया सखी
प्रेम पर्व आया सखी
लक्ष्मी सिंह
* नव जागरण *
* नव जागरण *
surenderpal vaidya
*****राम नाम*****
*****राम नाम*****
Kavita Chouhan
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
इंसानों की क़ीमत को
इंसानों की क़ीमत को
Sonam Puneet Dubey
.......... मैं चुप हूं......
.......... मैं चुप हूं......
Naushaba Suriya
लेखनी का सफर
लेखनी का सफर
Sunil Maheshwari
मोदी एक महानायक
मोदी एक महानायक
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
2730.*पूर्णिका*
2730.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नशा त्याग दो
नशा त्याग दो
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
हां....वो बदल गया
हां....वो बदल गया
Neeraj Agarwal
*अद्वितीय गुणगान*
*अद्वितीय गुणगान*
Dushyant Kumar
आएंगे तो मोदी ही
आएंगे तो मोदी ही
Sanjay ' शून्य'
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
वो शख्स लौटता नहीं
वो शख्स लौटता नहीं
Surinder blackpen
सम्मान
सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
झुक कर दोगे मान तो,
झुक कर दोगे मान तो,
sushil sarna
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
भोला-भाला गुड्डा
भोला-भाला गुड्डा
Kanchan Khanna
मंजिल कठिन ॲंधेरा, दीपक जलाए रखना।
मंजिल कठिन ॲंधेरा, दीपक जलाए रखना।
सत्य कुमार प्रेमी
जब  मालूम है  कि
जब मालूम है कि
Neelofar Khan
वक्त-वक्त की बात है
वक्त-वक्त की बात है
Pratibha Pandey
"18वीं सरकार के शपथ-समारोह से चीन-पाक को दूर रखने के निर्णय
*प्रणय प्रभात*
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
देवराज यादव
Loading...