ख्वाब कैसे फ़ना हो जाएगा।
मेरा जब तू आश्र्ना हो जाएगा
प्यार ही मेरा गहना हो जाएगा।
फिर बचेगा न कहने कुछ बाकी
तुमसे मिलना जो मना हो जाएगा।
आवाज़ दिल की सुनो पहले
रूह से सामना हो जाएगा।
हौसले की उड़ान है बाकी
ख्वाब कैसे फ़ना हो जाएगा।
जिन्दगी कुछ नहीं तेरे संग बिन
खत्म ही संवरना हो जाएगा ।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©