ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ, अभी भी है मुफ़लिस ही।
बना नहीं सका वह घर, अभी भी है तन से खालिस ही।।
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ——————।।
इंतजार है उसको रोटी का, सर्दी से बचने को कम्बल का।
वह भीग रहा है बारिश में, रब भी है उससे रुसवां ही।।
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ——————-।।
हथियार बनाकर उसको, सब लोग पाते हैं उससे सुख।
मिलती नहीं उसको तारीफ, होती है उसकी बुराई ही।।
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ——————।।
रातभर रहता है बेचैन, दिनभर सूरज में तपता है।
कब आयेगी उसकी सुबह,सदा बहाता है अश्क ही।।
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ——————।।
हक नहीं है उसका फिर भी, अपनी मेहनत के फल पर।
सुख उसका छीन लिया है, नसीब में है उसके दुःख ही।।
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)