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10 Aug 2024 · 1 min read

*खो दिया है यार को प्यार में*

खो दिया है यार को प्यार में
************************

खो दिया है यार को प्यार में,
ढो दिया है भार को प्यार में।

बो दिये हैँ बीज सब प्रेम के,
बो दिया है खार को प्यार में।

वो मिले थे पेड़ की छाँव में,
कर लिया है कार को प्यार में।

हम रुके हैँ मिलन की चाह में,
पी लिया है लार को प्यार में।

राज की है बात भी दें बता,
ला दिया है नार को प्यार में।

स्नेह से जीत मनसीरत गया,
पा लिया दिलदार को प्यार में।
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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