खोते जा रहे हैं ।
हरेक पडाव पर उम्र खोते जा रहे हैं । मुकम्मल जिंदगी करने के लिए, अतिरिक्त पेशा ढोते जा रहे हैं। जरूरत के फेर में चैन को खोते जा हैं ।
व्यक्ति विवशता से जूझ रहा है। अहंकार ,टकराव आपस में दिख रहा है , ज्यादा। कड़वाहट में जी रहा जिंदगी , रिश्तों में विवाद दिख रहा है। तनाव के हरेक पल जिए जा रहा है, व्यक्ति। हरेक पल शांति खोते जा रहा है।