** खोज कन्हैया की **
** खोज कन्हैया की **
गीत
तर्ज—( कौन दिशा मे लेके चला रे)
कहाँ कहाँ नही खोजा तुझको कन्हैया 2,
अब आवो लेकर अवतार ,
देखो मै तो गया हार
दर्शन दो हमे दर्शन दो ||टेक||
प्यासी गैया वन वन भटके,
सुनी पड़ी गोकुल की सड़कें |
मोहन काहे तरसाय,
सखियाँ करे हाय हाय ,
हमें दर्शन दो हमें दर्शन दो ||1||
त्रेतायुग मे रावण मारे,
राक्षसी आतंक से मुनि जन तारे,
किया रावण कुल का नास
कोई फटका ना पास ,
हमें दर्शन दो दर्शन दो ||2|•
व्दापर कंस दुशासन मारे,
कलयुग मे कलकी हो पधारें,
नेता लिबरेन्डू देश मे छाये,
गिद्ध सा नोच देश को खाये |
करदो इनका संहार,
सुनलो कृष्ण मुरार
हमें दर्शन दो, दर्शन दो ||3||
कहाँ कहाँ नही खोजा तुझको कन्हैया ||