Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2024 · 1 min read

खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,

खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,
जो पल प्रतिपल उसे मिला नहीं!
बनाने लगी वो फ़िजूल का बहाना,
ससुराल में दिल उसका टिका नहीं!

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 11 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हृदय कुंज  में अवतरित, हुई पिया की याद।
हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
sushil sarna
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
Taj Mohammad
मुस्कुराहट से बड़ी कोई भी चेहरे की सौंदर्यता नही।
मुस्कुराहट से बड़ी कोई भी चेहरे की सौंदर्यता नही।
Rj Anand Prajapati
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
DrLakshman Jha Parimal
मोहब्बत का पहला एहसास
मोहब्बत का पहला एहसास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2869.*पूर्णिका*
2869.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कांतिपति की कुंडलियां
कांतिपति की कुंडलियां
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
शाश्वत और सनातन
शाश्वत और सनातन
Mahender Singh
"सबूत"
Dr. Kishan tandon kranti
दूर क्षितिज तक जाना है
दूर क्षितिज तक जाना है
Neerja Sharma
कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
पूर्वार्थ
जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
बेटी हूँ माँ तेरी
बेटी हूँ माँ तेरी
Deepesh purohit
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
औरों के संग
औरों के संग
Punam Pande
मत करो हमसे यह परदा
मत करो हमसे यह परदा
gurudeenverma198
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
Ranjeet kumar patre
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
Sonam Puneet Dubey
भक्ति गाना
भक्ति गाना
Arghyadeep Chakraborty
"घमंड के प्रतीक पुतले के जलने की सार्थकता तब तक नहीं, जब तक
*प्रणय प्रभात*
"Every person in the world is a thief, the only difference i
ASHISH KUMAR SINGH
आप हम से ख़फ़ा नहीं होना।
आप हम से ख़फ़ा नहीं होना।
Dr fauzia Naseem shad
मोहल्ला की चीनी
मोहल्ला की चीनी
Suryakant Dwivedi
गर्म चाय
गर्म चाय
Kanchan Khanna
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
Shweta Soni
रुदंन करता पेड़
रुदंन करता पेड़
Dr. Mulla Adam Ali
फुलवा बन आंगन में महको,
फुलवा बन आंगन में महको,
Vindhya Prakash Mishra
कारोबार
कारोबार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Loading...