Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2023 · 2 min read

खेल और यौन शोषण: एक विकृत संघर्ष

खेल और यौन शोषण: एक विकृत संघर्ष

भारत में खेल एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जो स्वास्थ्य, संघटना, सामरिकता, और सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करता है। हालांकि, खेल की दुनिया में यौन शोषण की मौजूदगी एक चिंता का विषय है जिसे हमें संजोया जाना चाहिए। यौन शोषण एक अपराध है जो समाज की भयावह समस्या है और खेल संगठनों द्वारा सख्ती से नियंत्रित होना चाहिए।

खेल क्षेत्र में यौन शोषण का अनुभव महिला खिलाड़ियों के बीच आमतौर पर देखा जाता है। यह शामिल कर सकता है अनुचित स्पर्श, बेहद अभद्र टिप्पणियाँ, व्यापारिकीकरण और भारी दबाव। इससे न केवल खिलाड़ियों के खुदरा और मानसिक संतुलन पर असर पड़ता है, बल्कि इसका भी प्रभाव पड़ता है उनकी प्रतियोगिताओं और प्रदर्शन पर। यौन शोषण के मामलों की रिपोर्टिंग और निष्पादन में सुधार करने की जरूरत है, ताकि खिलाड़ियों को सुरक्षा और सुरक्षित माहौल का अनुभव करने में मदद मिल सके।

खेल संगठनों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और यौन शोषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। वे नीतियों और प्रक्रियाओं का निर्माण करने के साथ साथ, खिलाड़ियों, कोचों, और संगठन के सभी सदस्यों को यौन शोषण के खिलाफ जागरूक करने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने की जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए।

सामाजिकता और संस्कृति को बदलने के लिए भी हमें सभी स्तरों पर कठोरता से काम करना होगा। यह समाज के द्वारा मान्यता प्राप्त किए जाने वाले यौन रुझानों, भेदभाव, और अवसादीकरण को बढ़ावा देता है। खेल क्षेत्र में सभी लोगों को समानता, सम्मान, और सुरक्षा के अधिकार की आवश्यकता है, और इसके लिए हमें सामूहिक रूप से मिलकर काम करना होगा।

अंततः, यौन शोषण की खिलाफ लड़ाई एक संघर्षपूर्ण कार्य है जो खेल समुदाय को सशक्त और सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक है। हमें संघर्ष करना होगा ताकि हम एक समान, न्यायपूर्ण, और समरसता से भरपूर खेल संगठन बना सकें, जहां यौन शोषण के लिए कोई स्थान नहीं होता है और हर किसी को अपनी प्रतिभा को पूरी तरह से विकसित करने का अवसर मिलता है।

Language: Hindi
Tag: शेर
128 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
राम की मंत्री परिषद
राम की मंत्री परिषद
Shashi Mahajan
मोहब्बत
मोहब्बत
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कुछ नहीं बचेगा
कुछ नहीं बचेगा
Akash Agam
शब्दों की रखवाली है
शब्दों की रखवाली है
Suryakant Dwivedi
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
मैने यह कब कहा की मेरी ही सुन।
मैने यह कब कहा की मेरी ही सुन।
Ashwini sharma
होली आने वाली है
होली आने वाली है
नेताम आर सी
दुनिया की अनोखी पुस्तक सौरभ छंद सरोवर का हुआ विमोचन
दुनिया की अनोखी पुस्तक सौरभ छंद सरोवर का हुआ विमोचन
The News of Global Nation
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
gurudeenverma198
Pain of separation
Pain of separation
Bidyadhar Mantry
सोने के सुन्दर आभूषण
सोने के सुन्दर आभूषण
surenderpal vaidya
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
sushil sarna
ਦੁਸ਼ਮਣ
ਦੁਸ਼ਮਣ
Otteri Selvakumar
मौत ने पूछा जिंदगी से,
मौत ने पूछा जिंदगी से,
Umender kumar
3754.💐 *पूर्णिका* 💐
3754.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*
*"परिजात /हरसिंगार"*
Shashi kala vyas
जाते जाते कुछ कह जाते --
जाते जाते कुछ कह जाते --
Seema Garg
मेरा गांव अब उदास रहता है
मेरा गांव अब उदास रहता है
Mritunjay Kumar
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
Rj Anand Prajapati
गांधी का अवतरण नहीं होता 
गांधी का अवतरण नहीं होता 
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जहरीले और चाटुकार  ख़बर नवीस
जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस
Atul "Krishn"
31/05/2024
31/05/2024
Satyaveer vaishnav
तेरी याद
तेरी याद
SURYA PRAKASH SHARMA
??????...
??????...
शेखर सिंह
★
पूर्वार्थ
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मातृदिवस
मातृदिवस
Satish Srijan
फ़ासला गर
फ़ासला गर
Dr fauzia Naseem shad
Loading...