खेत रोता है
खेत रोता है खलिहान रोता है
खाली पेट जब कोई किसान सोता है
सूख गई खेत में धमनी किसान की
भले ही लगा दिया वो बाजी जान की
देश का कितना बड़ा नुकसान होता है
खाली पेट जब कोई किसान सोता है
दिल में रखा था जो मोती संभाल कर
रख देता नित कलेजा निकालकर
अपने कुटुंब का चिराग खोता है
खाली पेट जब कोई किसान सोता है
देखी अनदेखी का शिकार हो गया
कितना किसान ये लाचार हो गया
उतना मिले ना जितना भी होता है
खाली पेट जब कोई किसान सोता है
दीनता और दर्द जब किसान सहेगा
कभी नहीं सुखी इंसान रहेगा
रक्त में सदा ही तन को भी होता है
खाली पेट जब कोई किसान सोता है