खूबसूरती
तुम सजती है, सॅंवरती है, तब जाकर कहीं खूबसूरत लगती है!
हम तो ठहरे गांव का छोरा सुबह से लेकर शाम तक मिट्टी में ही रहते हैं,
फिर भी तुझ से कहीं ज्यादा हमारी खूबसूरती दिखती हैं!!
तुम सजती है, सॅंवरती है, तब जाकर कहीं खूबसूरत लगती है!
हम तो ठहरे गांव का छोरा सुबह से लेकर शाम तक मिट्टी में ही रहते हैं,
फिर भी तुझ से कहीं ज्यादा हमारी खूबसूरती दिखती हैं!!