खुशी
गुज़र जाएगा ये वक्त भी, जो तेरे बिन कटता नही,
बस तुझसे एक गुज़ारिश है,
के अब तू मेरा कभी होना नही।
बड़ी मुद्दतो से थी आरज़ू,
के तुझसे दूर हो जाऊं,
बहुत साथ निभाया तूने मेरा,
बस अब कभी तेरी हो ना पाऊँ।
बहुत जी लिया तूने मुझे, और मैंने तुझे,
ऐ मेरे दुख़, मेरे दर्द,
अब मैं तुझसे दूर हो जाऊं,
बस अब कभी लौटकर मत आना,
मेरी इस खुशहाल जिंदगी में,
जो बची है उसे तेरे बिना जीना चाहती हूं,
ऐ जिंदगी तुझे मैं अब काटना नहीं,
जीना चाहती हूं।
– रुचि शर्मा
भोजपुर, बिजनौर