खुशी की दवा
**** खुशी की दवा (ग़ज़ल) ***
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**** 212 212 212 212 ***
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जिंदगी में नही फासला चाहिए,
आपका बस हमें आसरा चाहिए।
लो जमीं,लो धरा,आसमां जान लो,
सांस लेने खुली बस हवा चाहिए।
बद दुआ यूं कभी ना हमें साधना,
यार हमको जहां में दुआ चाहिए।
बांटते हम रहे ईश को हर जगह,
एक जैसा हमे सम खुदा चाहिए।
सीख लो तुम यहाँ प्यार कैसे करें,
फूल सी ये महकती फिजा चाहिए।
गीत गाता रहे साज पर बागवां,
लाभदायक खुशी की दवा चाहिए।
बंधुता – धीर सीरत कमी ही नहीं,
वक्त पर ही सखा का पता चाहिए।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल,)